हिंदू धर्म - कितने जख्म ? कितने दर्द ?
Duration: | Unlimited |
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Book Pages: | 48 |
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₹ 23
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पांच सौ वर्ष के बाद प्रभू राम अयोध्या लोटे, लेकिन रामराज्य कब आयेगा ? क्या हिंदू समाज अपने सामर्थ्य को पहचानेगा ? हिंदूविरोधी कानून की जंजीरे तोड पायेगा ? क्या देशकी राज्य सरकारें हिंदू के मंदिर उन्हें वापिस करेंगे ? क्या केंद्र सरकार घुसखोरी और बढती जनसंख्या को रोक पायेगी ? आज यह नही हुवा तो इतिहास फिर दोहरायेगा । जिहादी आक्रमण के सामने सेक्युलर संविधान रोयेगा और अंतिम साँस लेगा । हिंदू संस्कृती और सभ्यतापर बाहरसे ही नही, भीतरसे भी प्रहार होते आये है । इस्लामिक पैगंबरवाद से हिंदुस्तान जितना खंडित हुवा, उतना ही सेक्युलर समाजवादसे अपाहिज । हिंदू अपनी जडोंसे टूट गया है । यह पुस्तक इनमे से कुछ महत्वपूर्ण बिंदू पर प्रकाश डालती है ।
- डॉ. व्यंकट कोलपुके
- venkatkolpuke15@gmail.com
- Latur
डॉ. व्यंकट कोलपुके
एम. बी. बी. एस. डी. ए. (भूलतज्ञ)
पत्ता : विवेकानंद चौक, नांदेड रोड, लातूर ( महाराष्ट्र)
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Mob. 9860208408
Virbhadra Gulve 04-Apr-2024 09:24 am